10 Rupee Coin – आजकल 10 रुपये के सिक्कों को लेकर लोगों के मन में काफी कन्फ्यूजन देखने को मिलता है। बाजार में इतने सारे डिजाइन वाले 10 रुपये के सिक्के मिलते हैं कि ग्राहक या दुकानदार अक्सर ये सोचने लगते हैं कि कहीं ये सिक्का नकली तो नहीं है। कुछ लोग तो सीधे ही इन सिक्कों को लेने से मना कर देते हैं, जो कि गलत है। इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि असली 10 रुपये का सिक्का कैसे पहचानें और RBI ने इसके बारे में क्या-क्या जानकारी दी है।
RBI के 14 अलग-अलग डिजाइन वाले 10 रुपये के सिक्के
भारतीय रिजर्व बैंक ने 2017 में साफ कर दिया था कि 10 रुपये के सिक्कों के कई डिजाइन हो सकते हैं और अब तक कुल 14 अलग-अलग वैध डिजाइन जारी किए जा चुके हैं। इसका मतलब यह है कि चाहे सिक्का कोई भी डिजाइन का हो, अगर वह RBI द्वारा जारी किया गया है, तो वह वैध और मान्य है। बाजार में चलाने और स्वीकार करने के लिए सभी सिक्के बराबर हैं। इसीलिए यह जरूरी है कि लोग सिक्कों को देखकर ही नकली समझने की गलती न करें।
10 रुपये का सिक्का कैसे होता है?
10 रुपये का सिक्का बाय-मेटलिक होता है। यानी इसमें दो अलग-अलग धातुएं लगी होती हैं। सिक्के का बीच वाला हिस्सा और बाहर की रिंग अलग-अलग रंग की होती हैं। यह सिक्के की खास पहचान होती है। इसलिए सिक्के के रंग और बनावट पर भी ध्यान देना जरूरी है। अगर सिक्का दो रंगों वाला न हो, या बनावट सामान्य से अलग लगे, तो उस सिक्के पर शक करना सही रहेगा।
नकली सिक्का पहचानने के आसान तरीके
अगर आप कभी ऐसे सिक्के से सामना करते हैं, जिस पर आपको शक हो कि यह नकली है, तो नीचे दिए गए आसान तरीकों से आप इसकी जांच कर सकते हैं:
- आवाज सुनें: असली 10 रुपये का सिक्का जब ठोस सतह पर गिरता है तो उसमें गूंजती हुई साफ आवाज आती है। नकली सिक्के की आवाज अक्सर हल्की, खोखली या फीकी होती है।
- वजन जांचें: असली सिक्का संतुलित और ठीक-ठाक वजन का होता है। नकली सिक्का या तो बहुत हल्का होता है या वजन असामान्य लगता है।
- रंग देखना: असली सिक्के का रंग चमकदार और साफ होता है। नकली सिक्के का रंग अक्सर फीका, धुंधला या रंग जला हुआ सा दिखता है।
- आकार जांचें: नकली सिक्के का आकार थोड़ा अनियमित हो सकता है, किनारों पर गड़बड़ी या असमानता हो सकती है।
- बारीक डिज़ाइन: 10 रुपये के असली सिक्कों पर नन्हे-नन्हे डिजाइन होते हैं, जो नकली सिक्कों में अक्सर धुंधले या खराब होते हैं।
RBI की मदद लें – टोल फ्री नंबर 14440
अगर आपको किसी सिक्के की असली या नकली होने में दिक्कत हो, तो आप RBI के टोल-फ्री नंबर 14440 पर कॉल कर सकते हैं। यह सेवा 24 घंटे, 7 दिन उपलब्ध रहती है। कॉल करते ही आपको IVR के जरिए बताया जाता है कि कौन-कौन से 10 रुपये के सिक्के वैध हैं और किस डिज़ाइन को असली माना जाता है। यह सुविधा खासतौर से आम जनता को नकली सिक्कों से बचाने और सही जानकारी देने के लिए शुरू की गई है।
सिक्का लेने से मना करना गलत है
RBI ने यह भी साफ कर दिया है कि अगर कोई दुकानदार या व्यक्ति आपके पास से 10 रुपये के असली सिक्के लेने से मना करता है, तो वह गैरकानूनी काम कर रहा है। ऐसा करना अपराध है। अगर किसी ने ऐसा किया, तो आप उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। सभी नागरिकों के लिए यह जरूरी है कि वे इस बात को जानें और अपने हक के लिए आवाज उठाएं। असली सिक्कों को स्वीकार करने से इनकार करना RBI नियमों के खिलाफ है।
क्यों फैला 10 रुपये के सिक्कों को लेकर भ्रम?
असल में, बाजार में कई तरह के सिक्के आने के कारण लोगों में भ्रम पैदा हुआ। कुछ सिक्के पुराने डिजाइन के होते हैं, तो कुछ नए। कभी-कभी सिक्कों की घिसावट या रंग फीका पड़ने से लोग उन्हें नकली समझ बैठते हैं। इसके अलावा कुछ असली सिक्के जो थोड़े अलग रंग या डिजाइन के होते हैं, वे भी शक की नजर से देखे जाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि लोगों को सही जानकारी मिले ताकि वे बिना वजह सिक्का अस्वीकार न करें।
क्या करें अगर मिले नकली सिक्के?
अगर आपको लगता है कि आपके पास कोई नकली सिक्का है, तो आप उसे पास के बैंक या RBI के नजदीकी शाखा में जमा कर सकते हैं। इसके अलावा स्थानीय पुलिस को भी सूचना दी जा सकती है ताकि नकली सिक्कों की तस्करी पर रोक लगाई जा सके। हमेशा सतर्क रहें और नकली सिक्कों को पहचानने के लिए ऊपर बताए गए संकेतों को याद रखें।
तो अब जब भी आपको 10 रुपये का सिक्का मिले, तो घबराएं नहीं। पहले उसकी जांच कर लें। अगर वह RBI के किसी वैध डिजाइन में आता है, तो इसे पूरी तरह से असली मानें और नकली समझकर न ठुकराएं। साथ ही अगर कभी संदेह हो, तो RBI के टोल-फ्री नंबर पर कॉल करके भी पुष्टि कर सकते हैं। यह आपके लिए मददगार साबित होगा और नकली सिक्कों से बचाएगा।
याद रखें, 10 रुपये के सिक्के के अलग-अलग डिजाइन हो सकते हैं लेकिन सभी RBI द्वारा जारी किए गए सिक्के वैध हैं। इसलिए सावधानी से काम लें और गलतफहमी से बचें। यही तरीका है सही जानकारी रखने का और पैसे के मामले में धोखा से बचने का।