Train Ticket Cancellation – अगर आपने कभी ट्रेन से सफर किया है, तो टिकट कैंसिल कराने की नौबत भी जरूर आई होगी। कई बार प्लान बदल जाता है, तो कभी कोई इमरजेंसी आ जाती है और हमें टिकट कैंसिल कराना पड़ता है। लेकिन इस चक्कर में सबसे बड़ी टेंशन यही रहती है कि रिफंड कितना मिलेगा और कितनी कटौती होगी। तो चलिए, आज आपको पूरी डिटेल में बताते हैं कि अगर आप ट्रेन का टिकट सफर से 48 घंटे पहले कैंसिल करते हैं, तो क्या-क्या होता है और आपको कितना पैसा वापस मिल सकता है।
क्यों जरूरी है टिकट कैंसिलेशन के नियम जानना?
भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में से एक है और रोज़ाना लाखों लोग इसमें सफर करते हैं। टिकट बुक करना तो आसान होता है, लेकिन अगर कैंसिल कराना पड़े, तो कई लोगों को नियमों की जानकारी नहीं होती। इसी वजह से बहुत से लोग बिना जानकारी के टिकट कैंसिल कराते हैं और बाद में पछताते हैं कि उनका पैसा कट गया।
कब-कब करना पड़ता है टिकट कैंसिल?
- अगर आपका ट्रैवल प्लान बदल गया हो
- कोई जरूरी फैमिली काम आ गया हो
- हेल्थ ठीक न हो
- ट्रेन लेट हो या कोई और दिक्कत हो
ऐसे में टिकट कैंसिल करना मजबूरी बन जाती है। और जब ऐसा होता है, तब रिफंड से जुड़ी बातों को समझना जरूरी है।
48 घंटे पहले टिकट कैंसिल करने पर क्या कटता है?
अगर आपने ट्रेन के रवाना होने से 48 घंटे पहले टिकट कैंसिल कर दिया है, तो रेलवे एक फिक्स अमाउंट चार्ज करता है। ये चार्ज आपकी टिकट की क्लास पर डिपेंड करता है। चलिए, इसे आसान भाषा में समझते हैं:
- सेकंड क्लास टिकट के लिए 60 रुपये प्रति यात्री कटते हैं
- स्लीपर क्लास में 120 रुपये प्रति यात्री
- AC चेयर कार या थर्ड AC में 180 रुपये
- सेकंड AC के लिए 200 रुपये
- और फर्स्ट AC या एग्जीक्यूटिव क्लास के लिए 240 रुपये प्रति यात्री
यह नियम IRCTC वेबसाइट से लिए गए टिकट और रेलवे काउंटर से लिए गए टिकट – दोनों पर लागू होता है।
GST का क्या रोल है?
अब बात करते हैं GST की, जो कई लोगों को कंफ्यूज करता है।
- अगर आपने स्लीपर क्लास में टिकट लिया है, तो GST नहीं लगता
- लेकिन अगर आपकी टिकट AC क्लास की है, तो GST लागू होता है
- GST की रकम इस बात पर निर्भर करती है कि आपकी ट्रेन कौन सी है और उसकी सर्विस कैटेगरी क्या है
मतलब ये कि AC टिकट में आपको चार्ज थोड़ा ज्यादा लग सकता है, क्योंकि उसमें GST भी जुड़ जाता है।
अगर टिकट 48 से 12 घंटे के बीच कैंसिल किया तो?
अब सोचिए कि आपको अचानक कोई जरूरी काम आ गया और आपको ट्रेन के टाइम से ठीक 24 घंटे पहले टिकट कैंसिल करनी पड़ी। इस स्थिति में क्या होगा?
- रेलवे आपके टिकट के कुल किराए का 25 प्रतिशत काटता है
- बाकी की रकम आपके बैंक अकाउंट या उसी माध्यम में लौटाई जाती है जिससे टिकट बुक की गई थी
- यह नियम सिर्फ कन्फर्म टिकट के लिए लागू होता है
- अगर आपका टिकट वेटिंग या RAC था, तो रिफंड का तरीका अलग होता है
चार्ट बनने के बाद क्या टिकट कैंसिल हो सकती है?
अगर ट्रेन का चार्ट बन चुका है और उसके बाद आपको टिकट कैंसिल करानी है, तो सीधा तरीका नहीं है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप रिफंड नहीं पा सकते। इसके लिए एक अलग प्रक्रिया होती है, जिसे कहते हैं TDR यानी Ticket Deposit Receipt।
TDR के जरिए आप रिफंड के लिए क्लेम कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको सही कारण देना होगा और रेलवे यह तय करेगा कि रिफंड मिलेगा या नहीं।
कुछ और जरूरी बातें जो आपको जाननी चाहिए
- अगर आपका टिकट वेटिंग या RAC था और चार्ट बनने के बाद भी कन्फर्म नहीं हुआ, तो वो अपने आप कैंसिल हो जाता है और रिफंड जनरेट हो जाता है
- ऑनलाइन टिकट कैंसिल करने के लिए आपको IRCTC की वेबसाइट या ऐप का ही इस्तेमाल करना होगा
- काउंटर से ली गई टिकट कैंसिल कराने के लिए स्टेशन जाकर फॉर्म भरना पड़ता है
अगर आप ट्रेन का सफर प्लान कर रहे हैं, तो टिकट बुक करते वक्त थोड़ी समझदारी दिखाइए। और अगर कैंसिल करनी पड़े, तो सही टाइम पर करें ताकि रिफंड ज्यादा कट न हो। हर क्लास के नियम अलग हैं, तो उन्हें ध्यान से पढ़िए और उसी के अनुसार फैसला लीजिए।