Cement Price Hike – देश में सीमेंट की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी हो गई है और इससे नए घर बनाने वालों के बजट पर बड़ा असर पड़ने वाला है। मई महीने में सीमेंट के दामों में औसतन प्रति बैग तीन रुपए का इजाफा हुआ है, जो खास बात है क्योंकि अप्रैल में गर्मी और कटाई के मौसम के कारण मांग थोड़ी कमजोर रही थी। लेकिन अब मई में कई इलाकों में मांग बढ़ने लगी है, जिससे कंपनियों ने अपनी कीमतें ऊपर कर दी हैं।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बढ़ी कीमतें
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून के बीच सीमेंट की कीमतों में कुल मिलाकर लगभग बारह रुपए प्रति बैग की बढ़ोतरी देखी गई है। अब सीमेंट की राष्ट्रीय औसत कीमत लगभग तीन सौ सत्तावन रुपए प्रति बैग पहुंच चुकी है। मांग फिलहाल स्थिर बनी हुई है, लेकिन कंपनियां कीमतें ज्यादा बढ़ा रही हैं ताकि अपनी लागत और मुनाफे को पूरा कर सकें।
पूर्वी भारत में सबसे तेज़ बढ़ोतरी
पूर्वी भारत में इस साल अप्रैल की तुलना में मई महीने में सीमेंट की कीमतों में प्रति बैग बारह रुपए की मासिक बढ़ोतरी हुई है। साथ ही जनवरी से मार्च की तिमाही के मुकाबले अप्रैल से जून की तिमाही में ये बढ़ोतरी करीब पच्चीस रुपए प्रति बैग रही है।
रायपुर में तो कीमतें एक महीने में तीस रुपए प्रति बैग तक बढ़ी हैं। वहीं, कोलकाता जैसे बड़े शहरों में भी कीमतों में और इजाफे की संभावना बनी हुई है। फिलहाल इस क्षेत्र की औसत कीमत लगभग तीन सौ चालीस रुपए प्रति बैग है।
दक्षिण भारत की स्थिति
दक्षिण भारत में भी सीमेंट की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। मई में यहां कीमतों में पांच रुपए प्रति बैग का इजाफा देखा गया है जबकि तिमाही आधार पर यह बढ़ोतरी लगभग तीस रुपए प्रति बैग रही है।
मायने की बात यह है कि हैदराबाद और केरल जैसे इलाकों में मांग काफी अच्छी बनी हुई है, जिससे कीमतें ऊपर जा रही हैं। हालांकि बेंगलुरु में थोड़ी कमजोरी देखने को मिली है, लेकिन कुल मिलाकर यहां भी कीमतों में बढ़ोतरी का ट्रेंड कायम है। दक्षिण भारत में इस तिमाही में औसतन सीमेंट की कीमत तीन सौ इक्यावन रुपए प्रति बैग रही है।
उत्तर भारत में दाम लगभग स्थिर
उत्तर भारत में सीमेंट की कीमतों में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं देखा गया है। महीने-दर-महीने कीमतें लगभग स्थिर बनी हुई हैं।
इस क्षेत्र की औसत कीमत लगभग तीन सौ तिरेसठ रुपए प्रति बैग है। लुधियाना जैसे शहरों में जो पिछली बढ़ोतरी हुई थी, वह ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाई। गर्मी के मौसम में मजदूरों की कमी और कम मांग के कारण यहां कीमतें स्थिर बनी हुई हैं।
पश्चिम भारत की कीमतें भी स्थिर
पश्चिम भारत में भी मई महीने में सीमेंट के दाम ज्यादा नहीं बढ़े, हालांकि तिमाही आधार पर यहां लगभग छह रुपए प्रति बैग की बढ़ोतरी हुई है।
पश्चिम भारत में औसतन सीमेंट की कीमत तीन सौ पचपन रुपए प्रति बैग है। पुणे जैसे शहरों में तो कीमतों में तीस रुपए प्रति बैग तक की और बढ़ोतरी हो सकती है, क्योंकि यहां मांग मध्यम स्तर पर बनी हुई है और कंस्ट्रक्शन गतिविधियां भी धीरे-धीरे बढ़ रही हैं।
कौन से शहरों में सीमेंट महंगा हो सकता है?
मौसम की स्थिति और कंस्ट्रक्शन की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए कोलकाता और पुणे जैसे बड़े बाजारों में अगले कुछ महीनों में सीमेंट की कीमतों में और इजाफा हो सकता है।
मानसून से पहले निर्माण कार्य तेज हो जाता है, जिससे कंपनियां इस मांग का फायदा उठाने के लिए दाम बढ़ा सकती हैं। अगर आप घर बनाना चाहते हैं या बड़े प्रोजेक्ट की योजना बना रहे हैं तो बेहतर होगा कि आप इन बढ़ती कीमतों का ख्याल रखें और समय रहते सामग्री खरीद लें।
कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे क्या कारण?
सीमेंट की कीमतों में बढ़ोतरी के कई कारण हैं। इनमें कच्चे माल की लागत में इजाफा, ऊर्जा की बढ़ती कीमतें, परिवहन खर्च और श्रमिकों की कमी मुख्य हैं। इसके अलावा, देशभर में निर्माण कार्य की मांग भी धीरे-धीरे बढ़ रही है, जिससे कंपनियां कीमतों को ऊपर कर रही हैं।
नए घर बनाने वालों के लिए सलाह
अगर आप इस साल या अगले साल घर बनाने की सोच रहे हैं, तो यह बढ़ी हुई कीमतें आपके बजट को प्रभावित कर सकती हैं। बेहतर होगा कि आप अपनी योजना जल्दी बनाएं और जरूरत के मुताबिक सामग्री खरीद लें।
सीमेंट के दाम लगातार बढ़ सकते हैं, इसलिए जितना जल्दी हो सके तैयारी कर लें ताकि बाद में महंगी सामग्री के चलते ज्यादा खर्च न करना पड़े।
सीमेंट की बढ़ती कीमतें देशभर में बिल्डिंग मटेरियल की महंगाई को दर्शाती हैं, जो सीधे तौर पर घर बनाने वालों और कंस्ट्रक्शन से जुड़े हर व्यक्ति को प्रभावित कर रही हैं। इसलिए जरूरी है कि हम इस बदलाव के हिसाब से अपनी योजना बनाएं और समय रहते सावधानी बरतें।
अगर आप भी नया घर बना रहे हैं या कंस्ट्रक्शन का काम शुरू करने वाले हैं, तो इस खबर को ध्यान में रखें और अपने बजट को सही से मैनेज करें ताकि आपको बाद में आर्थिक परेशानियों का सामना न करना पड़े।