Home Loan EMI : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में होम लोन से जुड़े नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो ग्राहकों के लिए राहत की खबर है। इन नए दिशा-निर्देशों का उद्देश्य बैंकों की मनमानी पर रोक लगाना और ग्राहकों के अधिकारों की रक्षा करना है।
1. ब्याज वसूली की नई प्रक्रिया
अब से, बैंकों को लोन की राशि ग्राहकों के खाते में ट्रांसफर होने के बाद ही ब्याज वसूलने की अनुमति होगी। पहले कई बैंक लोन पास होने की तारीख से ही ब्याज वसूलने लगते थे, जिससे ग्राहकों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ता था। आरबीआई ने इस प्रथा पर रोक लगाई है और ऑनलाइन ट्रांसफर के माध्यम से लोन देने के निर्देश दिए हैं।
2. संपत्ति दस्तावेजों की वापसी में देरी पर जुर्माना
आरबीआई ने बैंकों को निर्देशित किया है कि वे ग्राहकों के संपत्ति दस्तावेज़ लोन चुकता करने के 30 दिनों के भीतर लौटा दें। यदि बैंक इस अवधि में दस्तावेज़ नहीं लौटाते हैं, तो उन्हें प्रति दिन ₹5,000 का जुर्माना देना होगा। यह कदम ग्राहकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए उठाया गया है।
3. फ्लोटिंग रेट लोन के लिए नई सुविधा
अब से, फ्लोटिंग रेट होम लोन लेने वाले ग्राहकों को लोन की ब्याज दर में बदलाव के समय फिक्स्ड रेट में स्विच करने का विकल्प मिलेगा। यह सुविधा ग्राहकों को ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव से बचने में मदद करेगी।
4. ईएमआई और अवधि में बदलाव की सुविधा
यदि ब्याज दरों में वृद्धि होती है, तो बैंक ग्राहकों को अपनी ईएमआई बढ़ाने, लोन की अवधि बढ़ाने या दोनों का संयोजन करने का विकल्प देंगे। यह कदम ग्राहकों को लोन चुकता करने में सुविधा प्रदान करेगा।
5. त्रैमासिक लोन विवरण की अनिवार्यता
बैंक अब ग्राहकों को हर तीन महीने में लोन की स्थिति का विवरण देंगे, जिसमें भुगतान की गई मूलधन और ब्याज की राशि, शेष ईएमआई, ब्याज दर और अगली ब्याज दर की जानकारी होगी। इससे ग्राहकों को अपनी लोन स्थिति की स्पष्ट जानकारी मिलेगी।
आरबीआई द्वारा जारी की गई नई गाइडलाइंस होम लोन ग्राहकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इन बदलावों से ग्राहकों को अधिक पारदर्शिता, सुविधा और सुरक्षा मिलेगी। यदि आप होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो इन नए नियमों की जानकारी होना आवश्यक है।