तलाक पर पत्नी को भी देना पड़ सकता है पति को पैसा, जानिए कोर्ट का बड़ा फैसला Marriage Act Guidelines

By Prerna Gupta

Published On:

Marriage Act Guidelines

Marriage Act Guidelines – आजकल शादी और तलाक को लेकर समाज में काफी बातें होती रहती हैं। पहले जहां शादी को एक बार का वादा माना जाता था, वहीं अब रिश्तों में खटास आने पर लोग तलाक लेने से भी पीछे नहीं हटते। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि तलाक के बाद सिर्फ पति ही नहीं बल्कि पत्नी को भी भरण-पोषण देना पड़ सकता है? जी हां, अब समय बदल रहा है और कानून भी इस बदलाव को मान्यता दे रहे हैं।

तलाक के बाद खर्च कौन देगा?

अकसर हम सुनते हैं कि तलाक के बाद पति को पत्नी को एलिमनी यानी भरण-पोषण देना पड़ता है। लेकिन अब ऐसा नहीं है कि ये जिम्मेदारी सिर्फ पति की हो। अगर पत्नी कमाई में अच्छी है और पति की कमाई कम है या उसकी हालत कमजोर है, तो पत्नी को भी भरण-पोषण देना पड़ सकता है।

मुंबई का एक हैरान करने वाला मामला

हाल ही में मुंबई में एक मामला सामने आया जिसमें शादी को 25 साल पूरे हो चुके थे। तलाक के वक्त पत्नी ने अपने पति को पूरे 10 करोड़ रुपये की एलिमनी दी। ये सुनकर आप चौंक सकते हैं लेकिन कानून अब बराबरी की बात करता है। पति अगर आर्थिक रूप से कमजोर है और पत्नी के पास अच्छा पैसा है, तो वह भी खर्च उठाने की जिम्मेदारी से बच नहीं सकती।

यह भी पढ़े:
8th Pay Commission सैलरी में बंपर बढ़ोतरी! 2.86 फिटमेंट फैक्टर से कितनी मिलेगी नई तनख्वाह, ऐसे करें कैलकुलेट 8th Pay Commission

शादी और तलाक से जुड़े कानून

भारत में अलग-अलग धर्मों के लिए अलग-अलग कानून हैं – जैसे हिंदू मैरिज एक्ट, मुस्लिम पर्सनल लॉ, क्रिश्चियन मैरिज एक्ट और स्पेशल मैरिज एक्ट। इनमें से हर कानून में तलाक और एलिमनी को लेकर अपने नियम हैं।

हिंदू मैरिज एक्ट की खास बातें

इस कानून की धारा 9 और 25 बहुत अहम हैं। धारा 9 कहती है कि अगर पति या पत्नी बिना वजह एक-दूसरे से अलग रह रहे हैं, तो दूसरा पक्ष कोर्ट में जाकर साथ रहने की रिक्वेस्ट कर सकता है। वहीं धारा 25 कहती है कि तलाक के बाद दोनों में से कोई भी पार्टी एलिमनी मांग सकती है। मतलब ये नहीं कि सिर्फ पत्नी को ही पैसा मिलेगा।

कब पति कर सकता है एलिमनी की मांग

अब जैसे-जैसे महिलाएं पढ़-लिखकर आत्मनिर्भर हो रही हैं, वैसे-वैसे इस सोच में बदलाव आ रहा है कि एलिमनी सिर्फ महिलाओं का हक है। अगर पत्नी की सैलरी ज्यादा है और पति की आर्थिक स्थिति कमजोर है, तो वो भी एलिमनी मांग सकता है। अगर पति बीमार है, बुजुर्ग है या कोई नौकरी नहीं कर पा रहा, तो उसे भी कानूनी सहारा मिल सकता है।

यह भी पढ़े:
Group Ticket Travel Rule रेलवे ने जारी किया बड़ा अलर्ट! ग्रुप टिकट पर यात्रा करने वालों के लिए अब सख्त नियम Group Ticket Travel Rule

एलिमनी कैसे तय होती है?

कोर्ट एलिमनी तय करते समय कई चीजों को देखता है – जैसे दोनों की सैलरी, उनके पास की संपत्ति, शादी कितने साल चली, जीवन का स्तर क्या था और दोनों की जिम्मेदारियां क्या हैं। कोई फिक्स फॉर्मूला नहीं है, सब कुछ केस की सिचुएशन पर डिपेंड करता है।

एलिमनी के प्रकार

भारत में एलिमनी दो तरह की होती है – एक तो अस्थायी यानी टेम्पररी, जो तलाक की सुनवाई के दौरान दी जाती है। दूसरी होती है स्थायी एलिमनी, जो तलाक के बाद दी जाती है। इसके अलावा कई बार एकमुश्त राशि भी दी जाती है, यानी पूरा पैसा एक बार में दे दिया जाता है। कुछ मामलों में हर महीने एक तय रकम दी जाती है।

समाज की सोच में बदलाव

पहले के जमाने में महिलाएं आर्थिक रूप से पति पर निर्भर होती थीं, इसलिए एलिमनी की बात सिर्फ उनके लिए होती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं है। महिलाएं अब जॉब कर रही हैं, बिजनेस चला रही हैं और कई बार पति से ज्यादा कमा रही हैं। ऐसे में अगर मामला कोर्ट में जाता है तो पत्नी को भी अपनी आमदनी का हिसाब देना पड़ सकता है।

यह भी पढ़े:
CIBIL Score Rules बस इतने सिबिल स्कोर पर बैंक तुरंत देगा लोन – जानें कितना स्कोर है सबसे बढ़िया CIBIL Score Rules

तलाक से पहले जान लें अपने अधिकार

तलाक कोई आसान फैसला नहीं होता। इसमें कानूनी, आर्थिक और भावनात्मक तीनों ही पहलू होते हैं। इसलिए कोई भी कदम उठाने से पहले अपने अधिकारों के बारे में जानना जरूरी है। एक अच्छे वकील से सलाह लें और हर बात को समझदारी से निपटाएं। ये सिर्फ कोर्ट का मामला नहीं, एक भावनात्मक सफर भी है।

Leave a Comment