Minimum Balance Rules – आजकल हर किसी के पास कम से कम एक बैंक खाता तो होता ही है। किसी को सैलरी लेनी होती है, किसी को सब्सिडी या पेंशन का पैसा चाहिए होता है, तो कोई ऑनलाइन पेमेंट के लिए बैंक अकाउंट रखता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बैंक अकाउंट चलाने के भी कुछ नियम होते हैं। उन्हीं में से एक है मिनिमम बैलेंस यानी खाते में तय रकम का होना जरूरी।
अब सवाल ये है कि ये मिनिमम बैलेंस होता क्या है और अगर हम इसे मेंटेन नहीं कर पाते तो क्या होगा?
मिनिमम बैलेंस क्या होता है?
हर बैंक अपने ग्राहकों से कहता है कि खाते में एक तय रकम हमेशा बनी रहे। इसे ही मिनिमम बैलेंस कहा जाता है। जैसे अगर बैंक कहे कि खाते में कम से कम 2000 रुपये रहने चाहिए, और आपने इसमें से कुछ खर्च कर दिए तो बैंक को हक है कि वो आपसे चार्ज ले।
किस बैंक में कितना मिनिमम बैलेंस रखना होता है?
हर बैंक का मिनिमम बैलेंस अलग होता है। सरकारी बैंकों में ये आमतौर पर 500 से 2000 रुपये के बीच होता है, जबकि प्राइवेट बैंकों में ये 3000 से लेकर 10000 रुपये तक भी जा सकता है। इसके अलावा, शहरों में और गांवों में ये रकम अलग-अलग हो सकती है।
जैसे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की बात करें तो मेट्रो शहरों में 3000 रुपये, अर्ध-शहरी इलाकों में 2000 रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में सिर्फ 1000 रुपये का बैलेंस जरूरी होता है।
अगर मिनिमम बैलेंस नहीं रखा तो क्या होगा?
अगर आपने अपने खाते में तय रकम नहीं रखी तो बैंक आपसे चार्ज वसूल सकता है। ये चार्ज बैंक के हिसाब से तय होता है और हर महीने लिया जा सकता है। कुछ बैंक इस चार्ज को उस अंतर के आधार पर लगाते हैं कि आपने कितना कम बैलेंस रखा, तो कुछ बैंक एक फिक्स अमाउंट चार्ज करते हैं।
क्या खाता माइनस में जा सकता है?
ये सबसे बड़ा सवाल है और इसका जवाब है – नहीं। आरबीआई ने साफ-साफ कहा है कि कोई भी बैंक मिनिमम बैलेंस न रखने पर खाते को माइनस में नहीं ले जा सकता। मतलब ये कि अगर आपके खाते में 300 रुपये हैं और बैंक को 500 रुपये का चार्ज लेना है, तो वो सिर्फ 300 रुपये तक ही काट सकता है, खाता नेगेटिव में नहीं जाएगा।
बैंक को नोटिस देना जरूरी है
आरबीआई का कहना है कि बैंक को पहले अपने ग्राहक को बता देना चाहिए कि अगर मिनिमम बैलेंस नहीं रखा गया तो कितना चार्ज लगेगा। ये नोटिस SMS, ईमेल या लेटर के जरिए दिया जा सकता है। ग्राहक को समय भी दिया जाता है कि वो बैलेंस पूरा कर ले और चार्ज से बच सके।
बैंक क्या-क्या सुविधाएं रोक सकता है?
अगर कोई बार-बार मिनिमम बैलेंस नहीं रखता, तो बैंक उसकी कुछ सुविधाएं अस्थाई रूप से बंद कर सकता है। जैसे ATM कार्ड काम करना बंद कर सकता है, नेट बैंकिंग बंद हो सकती है, नई चेकबुक नहीं मिलेगी या ट्रांजैक्शन पर रोक लग सकती है।
बेसिक सेविंग्स अकाउंट का विकल्प
अगर आप बार-बार मिनिमम बैलेंस नहीं रख पा रहे हैं तो आप बैंक से कह सकते हैं कि आपका अकाउंट बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट (BSBDA) में बदल दे। इस तरह के अकाउंट में कोई मिनिमम बैलेंस जरूरी नहीं होता, लेकिन इसमें कुछ लिमिट होती है – जैसे महीने में सिर्फ कुछ ही बार पैसे निकाल सकते हैं या खाते में ज्यादा बैलेंस नहीं रख सकते।
खाता बंद करने पर क्या चार्ज लगता है?
अगर आप खाता बंद करना चाहते हैं तो बैंक आपसे मिनिमम बैलेंस या चार्ज नहीं मांग सकता, लेकिन कुछ बैंक कहते हैं कि एक साल के अंदर खाता बंद किया तो थोड़ी सी फीस लगेगी। एक साल के बाद अकाउंट बंद करना बिलकुल फ्री होता है।
RBI ने की है कार्रवाई भी
कुछ साल पहले एक बैंक ने मिनिमम बैलेंस न रखने पर ग्राहकों के खाते माइनस में डाल दिए थे। इस पर RBI ने सख्त कदम उठाते हुए उस बैंक पर 90 लाख रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगाया था।
आपके लिए जरूरी सुझाव
- हमेशा अपने खाते का बैलेंस चेक करते रहें
- बैंक से मिनिमम बैलेंस की जानकारी जरूर लें
- अगर आप बार-बार चार्ज दे रहे हैं तो बेसिक सेविंग्स अकाउंट का ऑप्शन जरूर देखें
- बैंक ने अगर गलत तरीके से चार्ज लिया हो या खाता माइनस में किया हो, तो बैंक से शिकायत करें, नहीं सुने तो RBI की वेबसाइट पर भी शिकायत की जा सकती है