PM Vishwakarma Yojana – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना शुरू की है। यह योजना खास तौर पर उन लोगों के लिए है जो पारंपरिक हथकरघा, कारीगरी या शिल्पकला से जुड़े हैं और जो अपने हुनर को आधुनिक दौर के हिसाब से सुधारना चाहते हैं। पिछले दो वर्षों में इस योजना के तहत लाखों कारीगर जुड़ चुके हैं और अब 2025 में भी आवेदन शुरू हो गए हैं। अगर आप भी इस योजना का फायदा उठाना चाहते हैं तो यह आपके लिए सुनहरा मौका हो सकता है।
योजना का मकसद क्या है?
पीएम विश्वकर्मा योजना का सबसे बड़ा मकसद देश के पारंपरिक कारीगरों को उनकी कारीगरी के साथ रोजगार देना और उनकी आर्थिक स्थिति सुधारना है। आजकल के युवा अपनी पारंपरिक कला और कारीगरी से दूर होते जा रहे हैं, जिससे यह हुनर धीरे-धीरे खत्म होने लगता है। इस योजना के जरिए सरकार उन्हें फिर से अपने काम से जोड़ने और आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश कर रही है। साथ ही, यह योजना पारंपरिक कौशल को संरक्षित करने और आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने में भी मदद करती है।
कौन आवेदन कर सकता है?
इस योजना का फायदा सिर्फ वही लोग उठा सकते हैं जो भारत के निवासी हों और जिनकी उम्र कम से कम 18 साल हो। इसके अलावा, आवेदक के पास गरीबी रेखा वाला राशन कार्ड होना जरूरी है, क्योंकि यह योजना खासतौर पर कम आय वाले परिवारों के लिए बनाई गई है।
योजना का मुख्य लक्ष्य विश्वकर्मा समुदाय के लोगों को आर्थिक मदद देना है, जो किसी पारंपरिक व्यवसाय या शिल्प से जुड़े हों। इसके अलावा, आवेदक के पास व्यावसायिक सदस्यता प्रमाण पत्र भी होना चाहिए। परिवार की वार्षिक आय 2 लाख रुपये या उससे कम होनी चाहिए, और परिवार में कोई भी सरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए।
योजना के फायदे क्या हैं?
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कई फायदे मिलते हैं। सबसे पहले, कारीगरों को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाता है जिससे वे अपने हुनर को और निखार सकें। दूसरा, उन्हें आधुनिक उपकरण और टूलकिट प्रदान किए जाते हैं, जो काम की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद करते हैं। तीसरा, छोटे व्यवसायों के विस्तार के लिए वित्तीय सहायता भी मिलती है जिससे वे अपने कारोबार को और बढ़ा सकें।
महिलाओं को भी इस योजना में समान मौका दिया गया है ताकि लैंगिक समानता बनी रहे। यह योजना पारंपरिक कला को जीवित रखने के साथ-साथ कारीगरों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का भी काम करती है।
आवेदन कैसे करें?
पीएम विश्वकर्मा योजना में आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन किया जाता है और इसके लिए कोई भी फीस नहीं लगती। आवेदन करने के लिए सबसे पहले आपको योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। वहां पर “नया आवेदन” का ऑप्शन मिलेगा, जिस पर क्लिक करके आप अपना पंजीकरण कर सकते हैं।
पंजीकरण के बाद लॉगिन कर आवेदन फॉर्म भरना होता है। फॉर्म में अपनी सारी जरूरी जानकारी और दस्तावेज अपलोड करें, फिर कैप्चा कोड डालकर फॉर्म जमा कर दें। आवेदन जमा करने के बाद उसका प्रिंटआउट निकालकर रखना जरूरी है, ताकि बाद में जरूरत पड़ने पर काम आ सके।
आवेदन की स्थिति कैसे जांचें?
एक बार आवेदन सबमिट करने के बाद आप अपनी आवेदन की स्थिति ऑनलाइन चेक कर सकते हैं। इसके लिए वेबसाइट पर “आवेदन स्थिति देखें” का ऑप्शन होता है। वहां जाकर अपना रजिस्ट्रेशन नंबर और आधार नंबर या मोबाइल नंबर डालें।
ओटीपी वेरिफिकेशन के बाद आप देख पाएंगे कि आपका आवेदन किस स्टेज पर है। अगर आवेदन स्वीकृत हो जाता है तो आपको प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेना होगा।
प्रशिक्षण और सर्टिफिकेट
आवेदन मंजूर होने के बाद, योजना के तहत कारीगरों को प्रशिक्षण दिया जाता है। यह प्रशिक्षण उनके कौशल को बढ़ाने और नई तकनीकों से अवगत कराने के लिए होता है।
प्रशिक्षण पूरा करने के बाद एक सर्टिफिकेट मिलता है, जो न सिर्फ योजना में शामिल होने का प्रमाण होता है बल्कि आपके हुनर की भी पहचान बनता है। इस सर्टिफिकेट से आगे चलकर नए अवसर मिलने में आसानी होती है।
योजना क्यों जरूरी है?
भारत में पारंपरिक कारीगरी और शिल्पकलाओं की खास जगह रही है। लेकिन तेजी से हो रहे विकास और आधुनिकता के कारण ये कला खत्म होने के कगार पर हैं। पीएम विश्वकर्मा योजना इन्हीं हुनरमंद लोगों को आगे बढ़ाने और उनकी कला को बचाने का प्रयास है।
इसके अलावा यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर कारीगरों को सशक्त बनाकर उनकी जिंदगी में सुधार लाने का काम करती है। इससे न केवल उनकी रोजी-रोटी बेहतर होती है बल्कि देश की सांस्कृतिक विरासत भी मजबूत होती है।
अगर आप या आपके परिवार में कोई पारंपरिक कारीगर है, तो पीएम विश्वकर्मा योजना आपके लिए एक बहुत बड़ी मदद हो सकती है। इस योजना से आपको आर्थिक सहायता, प्रशिक्षण और व्यवसाय बढ़ाने के कई मौके मिलेंगे।
जल्दी करें और योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर लें। यह आपके और आपके परिवार के भविष्य को बेहतर बनाने का एक अच्छा मौका है।